
ना मिले उनका निशां
जाऊ तो जाऊ कहाँ
सुने सुने राहों पे
दर्द का मेरा जहाँ
ना मिले उनका निशां
आंधी के झोके चले
तरसे मेरे रेतो के किले
देखा न जिसको कभी
आखे तो अब तरस गए
माँलाओ मे गूथ गूथ कर
रखा है तुमको यहाँ
पर धागे भी अब उलझ रहे है
छूट रहा है मेरा जहाँ
ना मिले उनका निशां
जाऊ तो जाऊ कहाँ
सूखे पत्तो की बारिश
होती है मेरे यहाँ
धुप से तपती है ज़मीन जहाँ
सिमटी रहती हु मै वहां
ना मिले उनका निशां
जाऊ तोह जाऊ कहाँ
हस्ती है दुनिया सारी
और उजरता है मेरा जहा
विराग मै हँस हँस कर
जीने का आया समां
दर्द का मेरा जहाँ
ना मिले उनका निशां
जाऊ तोह जाऊ कहाँ