Thursday, December 10, 2009

मेरा प्यार

अभी तो तुमने बारिश की फुहार और
ओस मे लिपटे हुए हरी-भरी पत्तियो का ऐतबार देखा है
अभी तो तुमने पेड़ो से छनते हुए उजली किरणों और
सूखे गिरते पत्तो की तिलमिलाती हुए चीखो का पैगाम देखा है
मेरा प्यार कहाँ देखा है|

अभी तो तुमने डूबता सूरज की लालिमा और
रेत मे छ्त्पटती हुए बूंदों का आखिरी पुकार देखा है
अभी तो तुमने काली रात मे चिलमन की रोशिनी मे
मेरा हाथो का स्पर्श देखा है
अभी तो तुमने सामने अली छत से उन दो
अंजन नजरो का दीदार देखा है
मेरा प्यार कहाँ देखा है|

अभी तो तुमने बारिश मे नहाती हुए
उसके पैरो की पाजेब देखि है
अभी तो तुमने उसके थिरकते बदन के कमर का तिल देखा है
अभी तो तुमने उसका जलता हुआ दिल और पिघलते मोम का दर्द देखा है
मेरा प्यार कहाँ देखा है

अभी तो तुमने उसके टूटे सपने और
उजड़े आशियाने मे दो चिडयों का बसेरा देखा है
और उस पारदर्शी परदे से उसकी मुस्कराहट देखि है
और उस मुस्कराहट के पास सूखे आसुओ की लकीर देखि है
मेरा प्यार कहाँ देखा है

अभी तो तुमने उसकी कलम की धार
और उसके शब्दों का घर देखा है
अभी तो तुमने उसके हाथो पर बंधी मोल्ली
गले का रुद्राक्ष और माथे का चन्दन देखा है
मेरा प्यार कहाँ देखा है

अभी तो तुमने उसकी शरारती आखे
और उसकी इतराती बाते देखि है
अभी तो तुमने उसकी अटखेली
और उसकी बातों का तीखा ताना देखा है
मेरा प्यार कहाँ देखा है