कैसे तुम्हे मै भुलाऊ
तुम तो हर कोने मै बसते हो
कैसे तुमको मै बताऊ
तुम तो मेरे रूह को रचते हो
कैसे उन बिखरे मोतियो को समेटू
जो तुम्हारे स्पर्श के लिए
फर्श पर बिखरे परे
कैसे तोडू उस चादर की सिलवटो को
जो तुम्हारे स्पर्श की याद दिलाती है
कैसे सवारू उलझे लटो को अपनी
जिसे तुमने अपनी उंगलियो से सवारा था
कैसे हटाऊ बिखरे काजल को अपने आँखों से
कैसे छुपाऊ आचल को अपनी आहो से
जिसमे आज भी तुम्हारी खुसबू बस्ती है
कैसे सवारू उस कमरे को
जिसके हर कोने मे तुम बसते हो
वो मुरझाये कुचले सूखे मोगरे के फूल
आज भी उलझी लटो से उल्हज रहे है
उस मोमबत्ती की पिघली धार
आज भी तरस रही है जलने को
कैसे सवारू फिर से उस कमरे को
जिसके हर तिनके मे तुम बसते हो
कैसे तुमको मे छुपाऊ
कैसे तुमको मे भुलाऊ
तुम तो हर कोने मै बसते हो
कैसे तुमको मै बताऊ
तुम तो मेरे रूह को रचते हो
कैसे उन बिखरे मोतियो को समेटू
जो तुम्हारे स्पर्श के लिए
फर्श पर बिखरे परे
कैसे तोडू उस चादर की सिलवटो को
जो तुम्हारे स्पर्श की याद दिलाती है
कैसे सवारू उलझे लटो को अपनी
जिसे तुमने अपनी उंगलियो से सवारा था
कैसे हटाऊ बिखरे काजल को अपने आँखों से
कैसे छुपाऊ आचल को अपनी आहो से
जिसमे आज भी तुम्हारी खुसबू बस्ती है
कैसे सवारू उस कमरे को
जिसके हर कोने मे तुम बसते हो
वो मुरझाये कुचले सूखे मोगरे के फूल
आज भी उलझी लटो से उल्हज रहे है
उस मोमबत्ती की पिघली धार
आज भी तरस रही है जलने को
कैसे सवारू फिर से उस कमरे को
जिसके हर तिनके मे तुम बसते हो
कैसे तुमको मे छुपाऊ
कैसे तुमको मे भुलाऊ
pyar ki nishani ko badi shiddat se saheja aur snajoya hai aapne... bahut hi emotional kaivta...
ReplyDeletenice composing
ReplyDeletekirti......thoda aur gahare utro.....thoda aur socho.....aur acchha likh paaogi....!!
ReplyDeleteit is awesome.......
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